अयोध्या। अयोध्या नगरी रामलला के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव के लिए संवर रही है। राम मंदिर बनने के बाद लाखों लोगों के यहां आने की संभावना है। बढ़ते पर्यटन का असर स्थानीय लोगों व संसाधनों पर न पड़े, इसको लेकर योगी सरकार ने बड़ी पहल की है। इसके तहत अयोध्या आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित पहला सस्टेनेबल डेवलपमेंट टेंपल सिटी बनने जा रही है।अयोध्या। अयोध्या नगरी रामलला के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव के लिए संवर रही है। राम मंदिर बनने के बाद लाखों लोगों के यहां आने की संभावना है। बढ़ते पर्यटन का असर स्थानीय लोगों व संसाधनों पर न पड़े, इसको लेकर योगी सरकार ने बड़ी पहल की है। इसके तहत अयोध्या आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित पहला सस्टेनेबल डेवलपमेंट टेंपल सिटी बनने जा रही है।
अयोध्या विकास प्राधिकरण ने इसके लिए एक निजी टेक्नोलॉजी कंपनी के साथ करार किया है, जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से शहर का पहला वैदिक सिटी सस्टेनेबल इंडेक्स प्लेटफॉर्म स्थापित करेगी। इंडेक्स की रिपोर्ट के आधार पर सरकार को पता चल सकेगा कि उसके पास क्या संसाधन हैं और बढ़ते लोड के अनुसार उसे क्या तैयारी करनी है, ताकि आने वाले लोगों के साथ ही स्थानीय लोगों को असुविधा से बचाया जा सके।
लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करेगा सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स
अयोध्या विकास प्राधिकरण ने अराहास टेक्नोलॉजीज प्रा. लि. के साथ इसी संबंध में रणनीतिक सहयोग के लिए एमओयू किया है। इसके तहत अयोध्या अपना खुद का सस्टेनेबिलिटी डेवलपमेंट इंडेक्स जारी करने वाली पहली टेंपल सिटी बन जाएगी। नगर आयुक्त व प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि सीएम योगी की मंशा के अनुरूप यह इंडेक्स लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने वाला होगा।
संसाधनों पर बढ़ते दबाव का किया जा सकेगा प्रबंधन
अयोध्या 24 लाख से अधिक आबादी वाला जनपद है। उदाहरण के तौर पर राम मंदिर निर्माण के बाद यहां 10 करोड़ लोग आएंगे तो शहर के मौसम, वातावरण और संसाधनों पर इसका असर पड़ेगा। संसाधनों पर बढ़ती निर्भरता के बीच सिटी सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स की रिपोर्ट के आधार पर इससे निपटने के लिए पहले से ही योजना बनाई जा सकेगी, ताकि स्थानीय लोगों के साथ ही आने वाले पर्यटकों को असुविधा से बचाया जा सकेगा।
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